Short Essay on 'Indra Kumar Gujral' in Hindi | 'Indra Kumar Gujral' par Nibandh (250 Words)

इन्द्र कुमार गुजराल

'इन्द्र कुमार गुजराल' का जन्म 4 दिसंबर, 1919 को अविभाजित पंजाब के प्रांत झेलम में हुआ था। इनके पिता का नाम अवतार नारायण गुजराल था, जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे। इनकी माता का नाम पुष्पा गुजराल था। पिता के प्रभाव में वह भी मात्र बारह वर्ष की आयु से ही स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने लगे थे।

इन्द्र कुमार गुजराल की शिक्षा दीक्षा डी०ए०वी० कालेज, हैली कॉलेज ऑफ कामर्स और फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज लाहौर में हुई। उन्होंने बी.ए, एम.ए, पी.एच.डी और डी. लिट् की उपाधियां प्राप्त कीं। उन्हें हिन्दी और अंग्रेजी के साथ उर्दू का भी अच्छा ज्ञान था।

इन्द्र कुमार गुजराल एक गंभीर और आकर्षक व्यक्तित्व वाले और विचार संप्रेषण में माहिर व्यक्ति थे। राजनीति के अतिरिक्त उन्हें उर्दू काव्य के प्रति भी गहरा लगाव था। उन्होंने उर्दू भाषा में कई काव्य रचनाएं भी कीं। भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका के चलते 23 वर्ष की आयु में उन्हें जेल भी जाना पड़ा। स्वतंत्रता के पश्चात केन्द्रीय राज्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए इन्होंने संचार एवं संसदीय कार्य मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, सड़क एवं भवन मंत्रालय तथा योजना एवं विदेश मंत्रालय के कार्य भी संभाले। उन्होंने अप्रैल, 1997 में देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

इन्द्र कुमार गुजराल की मृत्यु 30 नवम्बर, 2012 में 93 वर्ष की आयु में हुई। वे अपने राजनैतिक जीवन में पूर्णत: ईमानदार और अपने दायित्वों के प्रति समर्पित रहे। इनकी गिनती उन प्रधानमंत्रियों में की जाती है जिन्होंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को सदैव बनाए रखा। 

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