Short Essay on 'P.V. Narsimha Rao' in Hindi | 'P.V. Narsimha Rao' par Nibandh (240 Words)

पी.वी. नरसिंह राव

'पी.वी. नरसिंह राव' का पूरा नाम नाम पामुलापति वेंकट नरसिंह राव है। उनका जन्म 28 जून, 1921 में करीमनगर, आंध्र प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम पी. रंगा था।

पी.वी. नरसिंह राव ने उस्मानिया विश्विद्यालय तथा नागपुर और मुंबई के विश्विद्यालयों से विधि संकाय में स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधियां प्राप्त की। वे राजनीति के अतिरिक्त कला, साहित्य, संगीत आदि विभिन्न विषयों में भी रूचि रखते थे। विभिन्न भारतीय भाषाओं पर भी उनकी अच्छी पकड़ थी। पी.वी. नरसिंह राव विभिन्न प्रतिभाओं के धनी थे। राजनीति के ज्ञाता होने के साथ ही उन्हें सिनेमा और थियेटर में भी समान रुचि थी। वह भारतीय दर्शन और संस्कृति में भी विशेष दिलचस्पी रखते थे।

पी.वी. नरसिंह राव ने स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। वे कॉग्रेस के प्रति पूर्ण समर्पित नेता थे। वह 1971 से 1973 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने आपातकाल के समय भी इन्दिरा गांधी को सहयोग दिया। वर्ष 1991 में पी.वी. नरसिंह राव स्वतंत्र भारत के नौवें प्रधानमंत्री बने। उनको भारत के पहले दक्षिण भारतीय प्रधानमंत्री बनने का भी गौरव प्राप्त है। प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने नई आर्थिक नीति की शुरुआत की जिसमें देश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया।

23 दिसम्बर 2004 को पी.वी. नरसिंह राव का देहांत हो गया। उनका राजनैतिक जीवन काफी विवादास्पद रहा लेकिन अपने आर्थिक सुधारों और विभिन्न भाषाओं के ज्ञाता के रूप में वह सदैव याद किये जाते रहेंगे।  

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