Short Essay on 'Malik Muhammad Jayasi' in Hindi | 'Malik Muhammad Jayasi' par Nibandh (240 Words)


मलिक मुहम्मद जायसी

'मलिक मुहम्मद जायसी' का जन्म सन 1492 ई० के लगभग हुआ था। कुछ विद्वानों के अनुसार इनका जन्मस्थान ग़ाज़ीपुर तथा कुछ के अनुसार जायस नगर है। इनका अधिकांश समय जायस में ही व्यतीत हुआ इसलिए इनको जायसी कहा गया। इनके माता-पिता तथा वंश के सम्बन्ध में भी विद्वान एकमत नहीं हैं।

मलिक मुहम्मद जायसी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। इनके बचपन में ही इनके माता-पिता का देहांत हो गया। ये अनाथ हो साधु-संतों की संगति में घूमा करते थे। ये प्रसिद्द सूफ़ी संत शेख मुहीउद्दीन चिश्ती के शिष्य बने और उनके सम्प्रदाय में शामिल हो गए और आजीवन अपनी साधना और काव्य-रचना में लगे रहे।

मलिक मुहम्मद जायसी भक्तिकालीन प्रेम मार्गीय शाखा के प्रवर्तक थे। ये प्रेम भावना पूर्ण व्यक्ति थे। ये सभी धर्मों का आदर करते थे। इनकी सबसे प्रसिद्द पुस्तक 'पद्मावत' है जो हिंदी के सर्वश्रेष्ठ महाकाव्यों में माना जाता है। 'पद्मावत' के अतिरिक्त इन्होने 'अखरावट' और 'आखरी कलाम' नामक दो ग्रंथों की भी रचना की है।

जायसी का देहांत सन 1542 ई० के लगभग माना जाता है। ये हिंदी के सर्वश्रेष्ठ कवियों में से एक माने जाते हैं। उनका 'पद्मावत' प्रेम की महिमा का वर्णन करता है। भाषा और शैली की दृष्टि से जायसी को श्रेष्ठ कवि माना जाता है। उनके काव्यों में भावों और कला का सुन्दर समन्वय है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि जायसी और उनका पद्मावत दोनों ही महान हैं। हिंदी साहित्य संसार इनका सदा ऋणी रहेगा। 


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